पिछले साल जिम जाकर हुलिया और सेहत सुधारने का भूत सर पर सवार हुआ ! वजन में दो चार किलो का इजाफा मुझे नाकाबिले बर्दाश्त था ! मैं सोचती उम्र बढ रही है शरीर ढल रहा है स्टेमिना कम हो रहा है ! शायद जिम का व्यायाम मुझे कोई लाभ पहुंचाए ! मुझे लगता था एक लंबी उम्र परिवार के लिए दौड दौडकर बिता दी , खुद को खपा दिया ! सीढियां चढने में हांफना , वर्क लोड से सांसों का तेज हो जाना , शरीर में भारीपन महसूस होना.....अब कुछ समय खुद को और अपने स्वास्थ को भी दूं ! जिम में जाकर पता चला मैं बहुत पतली और स्वस्थ थी ! वहां पतली होने आई कई महिलाएं अपने 80 , 100 और 120 किलो के शरीर से युद्ध कर रही थीं ! सोनिया ,मोना , अनीता ..कोई विवाहित तो कोई अविवाहित ! ट्रेडमिल पर ,साइकिल पर, ऎलिप्टेकल पर पसीने से लथपथ ,बिना नाश्ता किए घर का बहुत सा काम निपटाकर , पति और बच्चों को भेज कर 2 से ढाई घंटे शरीर से कडी मेहनत करवाने वाली उन स्त्रियां से जब बातचीत होती स्त्री समाज की नियति पर क्रोध आता !
अनीता की उम्र अभी 22 साल है और वजन 80 किलो ! ऊपर से गालों पर फुंसिया और वह कमाती तक नहीं ! उसके पापा अपनी बेटी की बदसूरती और नाकाबिलितय से परेशान होकर रातों को सोते तक नहीं ! एक दिन वह बोली कि ' मैंने नर्सरी टीचर का एग्ज़ाम दिया हुआ है अगर उसमें मेरा नाम नहीं आया तो मैं सुसाइड कर लूंगी ! वह बोली पापा कहते रहते हैं कि तू पतली तो हो ही सकती है कि नहीं ! इतना तो मेरे पर उपकार कर ही सकती होगी ! मैं कहां से हो जाऊं पतली सब कुछ करके देख लिया ! "- जब वह मुझे अपनी बिखरी कहानियां सुन रही होती मैं सोच रही होती ये कोई उपन्यास या कहानी में से उडकर आई हुई घटनाएं हैं ! इनकी जिंदगियों में कोई रोशनी कोई चमक नहीं ,कोई लडाई का भाव भी नहीं ! काश ये सोती न होती जाग जातीं !
सोनिया से साइकिल चलाते हुए अक्सर बात होती ! वह बेहद पढी लिखी पिता की लाडली बेटी है ! उसके पिता और उसने 34 लडके रिजेक्ट किए ! उसके पिता को अपनी बेटी के मेंटल प्रोफाइल से मैच करता लडका नहीं मिला !आखिर में पडोस के बचपन के साथी से शादी की ! हाईली क्वालिफाइड ,बारीक समझ वाली सोनिया अपनी आधी अधूरी आपबीती सुनाते हुए कभी रो पडती तो कभी गुस्से से आंख लाल करके फदकते होंठों से कहती कि आज तो मन किया कि अपने हस्बेंड के पेट में चक्कू मार दूं ! कॉर्पोरेट जगत के उस पति को बच्चे की पैदाइश के बाद मोटी हो गई पत्नी नहीं चाहिए ! दोनों के बीच लडाई के ढेर सारे मुद्दे हैं नौबत तलाक तक आई हुई है पर असल बात आकर मोटापे तक पहुंच जाती है ! पति पर्फेक्शनिस्ट है इगोइस्टिक ,मैनेजमेंट गुरू - जिसे अपनी पत्नी बच्चा जनते ही मोटी ,भद्दी ,गंवार और जंगली लगने लगी है ! साल छ महीने में आने वाली सास और कुंवारी ननद के साथ मिलकर पति उसके गंवारपन का मातम मनाते हैं ! उसने अपनी पत्नी को हर साल तोहफों में पतले होने की मशीनें लाकर दी हैं !45000 वाला ट्रेडमिल , स्टेशनरी साइकिल , टमी ट्रेनर , तरह तरह के वेट्स ..... ! वह कहता है " ..बाकी सब तो तू छोड 5 साल से तू पतली तक तो हो नहीं सकी ! "
सोनिया रोज बिना खाए 3 घंटे की कडी एक्सरसाइज करती है उसने 3 महीने की पेमेंट जिम में की है उतना समय खुद को पतला होने के लिए रखा है और साथ साथ स्कूलों में नौकरी के लिए इंटरव्यू भी दे रही है ! शायद उसके बाद वह पति को छोडने या न छोडने के बारे में कोई फैसला ले पाएगी ! ( सोनिया से माफी पिछ्ले सितम्बर में उसने मुझसे मेरे ब्लॉग में अपनी आपबीती लिखने के लिए कहा था पर मैं आज जाकर लिख रही हूं ! )
ऎसी ही और भी कहानियां हैं जो दुख देती हैं ! सोनिया की तरह " चक्कू मार देने जितना गुस्सा पैदा करती हैं ! पर कहीं कुछ नहीं बदलता ! न प्यार से न ही क्रोध से ! और अंत में मेरे हाथ प्रार्थना में खुद -ब खुद उठ जाते हैं - हे भगवान ! हमें खुद को समझने और खुद के लिए जीने का मौका दो ! हमें हमारे हिस्से की खाद दो , हवा दो , पानी दो ! हमें भी इंसानों की पंक्ति में जगह दो !
आमीन !
29 comments:
बहुत अच्छा लिखा है।
राम जाने लोग कैसे इतने मोटे हो जाते है ..हमारे लिए तो ये बरमूडा trangle की मिस्ट्री से कम नहीं ..
ऐसा भी होता है?
नानक दुखिया सब संसार। सब नहीं तो आधा तो है ही।
यह दूसरों के लिए स्त्रियाँ न जाने कब तक जिएँगी? कब तक खुद को दूसरों की नजरों से तोलेंगी? कब माता पिता बेटियों को अपने लिए जीना, अपने मन का करना सिखाएँगे। कब अपनी इच्छाओं को सर्वपरि मानना सिखाएँगे?
घुघूती बासूती
आपने तो सचमुच निःशब्द कर दिया -यह जीवन शायद ऐसा ही है -मगर हिम्मत नहीं हारनी है!
वैसे अपनी सेहत का ख्याल रखना अच्छी बात है ...मेरे हिसाब से मर्द ओर औरत दोनों को इस मोटापे से दूर रहना चाहिए .यूँ भी हिन्दुतान में औरतो ने गर इस बिना पर पति को हड़काना शुरू किया तो आधी आबादी सुबह सडको पे दौड़ेगी
काश की भगवान होता.. और आपकी प्रार्थना सुनता ..पर अफ़सोस...
मैं अनुराग जी से सहमत हूँ.
बहुत सारी कहानियां मिलेंगी...सारा आत्मविश्वास ही चला जात है उनका...जरा सा वजन बढ़ा और डिप्रेशन घेर लेता है...और उस चक्कर में वे और खाना.और आराम करना .शुरू कर देती हैं...सारी समस्या..आत्मविश्वास को लेकर है...जिसे उनके पिता...पति धाराशायी करने में जरा देर नहीं लगाते..
सचमुच ये फिगर फैक्टर बहुत जानलेवा है। सबकुछ छोड़ औरतों का पहला मुद्दा यही हो जाता है कि वज़न कम करना है इस टेंशन में वज़न और बढ़ता ही है।
यहाँ तो उल्टा ही है...बीबी की लताड़ खा खा कर जिम में खड़े हैं मगर यह मुआ वजन...मानो एक दिन बीबी की लात भी खिलवा कर मानेगा..
हाय ईश्वर, मुझे शक्ति दो!! मुझे भी जीरो फीगर बना दो! थोड़ा शांति से जीना चाहता हूँ.
सामान्य जीवन जीने का सभी को हक होना चाहिए।
आमीन!!
यह भी खूब कही...
Udan Tashtari said...
यहाँ तो उल्टा ही है...बीबी की लताड़ खा खा कर जिम में खड़े हैं मगर यह मुआ वजन...मानो एक दिन बीबी की लात भी खिलवा कर मानेगा..
हाय ईश्वर, मुझे शक्ति दो!! मुझे भी जीरो फीगर बना दो! थोड़ा शांति से जीना चाहता
ये भी खूब रही :):)
अपने आपको आकर्षक बनाए रखना स्त्री का शोक हो सकता है लेकिन बदलते समय के साथ यह सचमुच एक संताप बन गया है ......व्यक्तिव का मुख्य भाग शारीरिक सुन्दरता ही समझ लिया जाता है जबकि ऐसा नहीं है .....आपका लेखन बहुत अच्छा है ! शुभकामनाए
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
हे भगवान ! हमें मोटी होने का हक दो !: आखिर हमारा भी तो अपने शरीर का अपने पति की अकल से मैच कराने का मन करता है।
http://views24hours.com/news.php?lang=hindi&id=605&mid=11&sid=80
मोटा होना एक बड़ी बीमारी है मगर आप शायद सेलिब्रेटी लुक की नाजायज डिमांड की ओर इशारा कर रही हैं. जैसे जरुरत होने पर किसी पोर्श कार की तरह सुंदर फिगर वाली पत्नी के पति होने के भी बराबर अंक मिले.
ge r हम तो पतिदेव की तोंद को रोज ही गरियाते थे लेकिन कुछ दिनों से ब्लोगिंग करने के चक्कर में अपना भी वजन बढ़ने लगा तब उनकी तोंद की ओर देखते भी नहीं। हाँ उनके इशारे कभी-कभी सुनाई जरूर दे जाते हैं। लेकिन मोटापा है खराब।
बहुत अच्छा लिखा आपने महिलाओं के लिए मेरा यह ब्लॉग भी पढे http://bit.ly/9Ctt9K
जिस कारण महिलाएं परेशान है मर्द भी परेशान है. चिंता न करें.
आपने बहुत ही सुन्दर तरीक़े से महिलाओं की इस व्यथा के बारे में लिखा है। असलियत यही है कि महिलाओं पर सुन्दर बाहरी आवरण के लिए दबाव बहुत अधिक होता हैं।
अगर यह व्यंग्य है तो बढिया है ।
Sonia ka pati:
Mui ne Gym mein meri chugli bhi shuru kar di. :)
BTW bahut hi badiya post.
acchha coment
,,हे भगवान ! हमें खुद को समझने और खुद के लिए जीने का मौका दो ! हमें हमारे हिस्से की खाद दो , हवा दो , पानी दो ! हमें भी इंसानों की पंक्ति में जगह दो !
..वाह! क्या बात है.
सनक पाल लो..... फिर आगे पीछे मत देखना ..... संकल्प पॉवर फुल होना चाहिए ...ठीक....
nice blog......
useful information
त्रासदजन्य है यह !
badiya prastuti..
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