Thursday, April 03, 2008

आखिर मैं इतने दिन से कहां थी ?

 

बहुत दिन तक  कोई भी पोस्ट न लिखने के क्या फायदे हैं इसका विश्लेषण करते हुए फुरसतिया जी ने बहुत सी राज की बातें बताई हैं ! वे हमसे बतियाते हुए बोले कि अच्छा है कि आपकी वजह से चिट्ठा पढने वाले लोग कम परेशान हुए ! बहरहाल उनकी बात सुनकर कई दिनों से न लिख पाने से परेशान मन को बहुत राहत मिली ! :)

दरअसल पिछले 3-4 सप्ताह से स्त्री विमर्श पर आयोजित एक पुनश्चर्या कार्यक्रम मॆं हिस्सा ले रही थी ! इस कार्यक्रम के तहत कई नामी विद्वानों और सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं को सुनना हुआ ! कमला भसीन ,अपर्णा बासु ,विभा चतुर्वेदी ,कविता श्रीवास्तव ,निर्मला बैनर्जी ,ऎन स्टीवर्ट ,राकेश चन्द्रा , उमा चक्रवर्ती सरीखे कई वक्ताओं को सुनने का मौका मिला ! इस पूरे कार्यक्रम में दिल्ली विशवविद्यालय के  शिक्षकों के साथ साथ कई अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षक भी थे !

इस कार्यक्रम में मैंने अपना पर्चा "हिंदी जनपद का ब्लॉगफेमेनिज़्म " पर तैयार किया और पढा !  यहां मौजूद श्रोताओं ने साइबर फेमेनिज़्म को एक बिल्कुल नये फिनामिमा के रूप में ग्रहण किया ! इस पर्चे में ब्लॉग जगत की सत्ता संरचना में पितृसत्तामकता के सबूतों की पडताल की ! चोखेरबाली के उदय के ऎतिहासिक दबावों पर बात हुई ,ब्लॉग जगत की स्त्री लेखिकाओं के लेखन पर विमर्श हुआ ! जो एक महत्वपूर्ण सवाल रामजस कॉलेज के इतिहास विभाग के वरिष्ठ और स्त्री संघर्षों के बहुत सक्रिय चिंतक मुकुल ने पूछा वह था -कि क्या इस साइबर स्त्री विमर्श एक पत्नीवाद या सुक्सुऎलिटी के विमर्श उठते हैं ?

यह रिफेशर कोर्स मेरे लिए बहुत अहम रहा ! स्त्री आंदोलनों ,स्त्री विमर्श , पितृसत्तामकता , जेंडर इक्वेलिटी और जेंडर जस्टिस , फेमिनिटी और मस्क्युलिनिटी ,स्त्री और मीडिया ,यौन उत्पीडन और स्त्री ,जेंडर और साइकॉलोजी ,फैमिली लॉ ,ट्रैफिकिंग एंड वुमेन लॉ अगेंस्ट डॉमेस्टिक वॉयलेंस --जैसे कई अहम मुद्दों पर वक्तव्य हुए !इन सब विमर्शों के प्रभावस्वरूप स्त्री विमर्श से जुडे कई आयामों पर एक समझ बनाने का मौका मिला !

यहां हुए कई अनुभव आपसे साझा करने का मन है ! खासकर सेक्सुऎलिटी पर हुई वर्कशॉप के कुछ गंभीर और कुछ हास्यास्पद अनुभव ! बिना इस डर के कि रियाज जी फिर न कह दें कि आप औरतें स्त्रियों और बच्चों के अलावा और कुछ नहीं लिख सकतीं क्या ?:)

10 comments:

Udan Tashtari said...

स्वागत है पुनः और इन्तजार है आपकी प्रस्तुति का.

Divine India said...

विमर्शों के लहर में गोता लगाने के बाद आप पुन: दिखीं!!!
सुस्वागतम्।

Sanjeet Tripathi said...

इंतजार रहेगा!!

अनूप शुक्ल said...

ये तो भूमिका है। अब इन सब पर लिखना भी हो। तब स्वागत बोला जाये।

Pratyaksha said...

इंतज़ार है ..

anuradha srivastav said...

इन्तजार है.........

सुजाता said...

हमें भी :-(
जाने कब से है जी ....जी .....

Kavi Kulwant said...

Miss किया...

mehek said...

bahut badhiya likhti hai aap,dil kush ho gaya yaha aakar.

neelima garg said...

women can do anything...what all they need is willpower ...