काश हर गाँव में एक-एक ऐसा ही घर होता तो मैं भी चुनाव लड़ जाता. एक-एक वोट के लिए हजार घरों का चक्कर न लगना पड़ता. एक ही जगह थोक के भाव से तमाम वोट मिल जाते.
रजिस्टर है कि नहीं, सबकी हाजिरी लगती है कि नहीं शाम को. सरकार परिवार नियोजन अभियान की सफलता का दावा करने से पहले देख ले कि मुफ़्त में बाँटे गए गुब्बारों से खेलने वाले कितने बच्चे हैं इस परिवार में.
अरुण जी लिखना तो चाह रही थी इस फोटो वाले मुद्दे पर पर लगा फोटो ही बहुत है अपने आप में !
समीर जी फोटो फेम में इतने ही समा रहे होंगे न ! अनामदास जी, अब बच्चे ज्यादातर द्ग्र की बेकार पडी चीजों से ही खेलना पसंद करते होंगे इष्टदेव जी ऎसे ही परिवारों के बल पर तो भारतीय चुनावा का मेलोद्रामा चल रहा है
divine india ने सच कहा है.इन लोगों के कारण ही देश पाताल में जा रहा है. इनको चार-चार शादी और बीस बीस बच्चे पैदा करके किसने अदिकार दिया है कि भारत मां पर बोझ बनो? आपको इस पर कुछ लिखना भी चाहिये था.
15 comments:
"बुरी नजर वाले तेरा मुह काला"
अब यही मुझे सही लगा.टागने की इच्छा थी कुछ काली वस्तु पर पोस्ट पर,पर कर नही पाया तो लिख डाला
:)
एक दो दिन पहले टीवी पर समाचार में देखा था, सचमुच बहुत हिम्मतवाले हैं ये दोनों, इधर तो दो को संभालने में ही दम फूलने लगता है। :)
अरुणजी की टिप्प्णी बहुत मजेदार है- बुरी नजर वाले...
परमवीर नहीं तो कम से कम वीर चक्र तो दे ही दो (औरत को)...
काश हर गाँव में एक-एक ऐसा ही घर होता तो मैं भी चुनाव लड़ जाता. एक-एक वोट के लिए हजार घरों का चक्कर न लगना पड़ता. एक ही जगह थोक के भाव से तमाम वोट मिल जाते.
अरे का करें ! सब उपर वाले की माया है
बहुत ही ज्यादा हैं यह तो!!!
आप कह रहीं हैं २३ और फोटो में हैं १७-बाकि के ६ कहाँ गये?? बड़ी चिन्ता लगी है.
इनके घर वाले भी गिनती से ही समझ पाते होंगे कि सब आ गये कि नहीं.
रजिस्टर है कि नहीं, सबकी हाजिरी लगती है कि नहीं शाम को. सरकार परिवार नियोजन अभियान की सफलता का दावा करने से पहले देख ले कि मुफ़्त में बाँटे गए गुब्बारों से खेलने वाले कितने बच्चे हैं इस परिवार में.
आपको क्या मालूम हमारे देश के अधिकतर लोगो का यही बिजिनेस रहा है...इसीलिये तो आमदनी अठन्नी खर्चा रूपया हो गया है...
सुनीता(शानू)
अरुण जी लिखना तो चाह रही थी इस फोटो वाले मुद्दे पर पर लगा फोटो ही बहुत है अपने आप में !
समीर जी फोटो फेम में इतने ही समा रहे होंगे न !
अनामदास जी, अब बच्चे ज्यादातर द्ग्र की बेकार पडी चीजों से ही खेलना पसंद करते होंगे
इष्टदेव जी ऎसे ही परिवारों के बल पर तो भारतीय चुनावा का मेलोद्रामा चल रहा है
प्रेम की इतनी व्यापक निशानियाँ…ओहSSS
काश और लोग भी इससे सीखें तो आधे से ज्यादा देश के बाहर नजर आयेंगे…रहने को जो जगह नहीं मिलेगी…।
divine india ने सच कहा है.इन लोगों के कारण ही देश पाताल में जा रहा है. इनको चार-चार शादी और बीस बीस बच्चे पैदा करके किसने अदिकार दिया है कि भारत मां पर बोझ बनो?
आपको इस पर कुछ लिखना भी चाहिये था.
wakai paida hue hai ya ATM machine ki tarah se bahar aye hai.
lagta hai kisi company ka off season discount hai ek ke saath jitne cahoo free.
kon kahta hai india world record mein piche hai.
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